क्या दुनिया में हम खो रहे दोस्तः विदेश मंत्री

 नई दिल्ली। दिल्ली में ग्लोबल बिजनेस समिट के दौरान विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर से जब पूछा गया कि क्या हम अपने दोनों (टनिया में) को खो रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा कि हमारे दोस्त वास्तव में कौन है। इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि मैं बहत विश्वास के साथ कह सकता हूं कि आज अगर आप किसी भारतीय दूतावास में जाते हैं, तो आपको वहां बहुत हद तक म द मिलेगी जो । य पहले कुछ सालों तक न ही मिल ती होगीउन्होंने कहा था कि एक समय था जब भारत की क्षमता कम थी और खतरे अधिक थे इसलिए हमने दनिया के अन्य देशों से दूरी बनाईतेभारत दुनिया की पांचवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। पहले भारत को विदेशों से होने वाले खतरों को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा, 'अब दनिया की प्रकृति बदल गई है।' विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शक्रवार को कहा कि यह संदेश कि महिलाएं नए भारत की दिशा में परिवर्तन का नेतृत्व कर रही हैं. महज कोई नारा नहीं, बल्कि इस सरकार का मौलिक एवं मूर्त रूप दिया जाने वाला विश्वास है। उन्होंने यह भी कहा कि नए भारत की सोच समावेशी वद्धि और गहरे सुधार वाली सोच है जो साथ मिलकर दीर्घकालिक बदलाव लाएगी। वह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और विदेश मंत्रालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। जयशंकर ने कहा, एक ऐसे व्यक्ति जिसके कंधे पर विदेश में भारत की व्याख्या का जिम्मा है, के तौर पर मैं इस बात पर बल देता है कि हाल के वर्षों की उच्च रूपरेखा घ पर ऊंची आकांक्षाओं तथा उन्हें साकार करने के उच्च विश्वास की परिचायक है।% उन्होंने कहा कि यह संदेश कि महिलाएं नए भारत की दिशा में परिवर्तन का नेतृत्व कर रही हैं. महज कोई नारा नहीं, बल्कि इस सरकार का %मौलिक एवं मर्त रूप दिया जाने वाला विश्वास है। मंत्री ने कहा कि कटनीति की दुनिया से आने वाले हम सभी जानते हैं कि अंतिम विश्लेषण में राष्टों का प्रभाव घरेलू स्तर पर उनकी ताकत पर आधारित होता है। जयशंकर ने कहा, %इसलिए आप जब विदेशों में भारत की भारत का ऊर्जा और गतिविधियों का आकलन करत ह ता मुझ पक्का यकीन है कि आपके दिमाग में यह बात भी रहती है कि हमारे समाज  बदलाव हो रहे हैं।